आखिरकार मैंने, कुछ शब्दो को धरदबोचा, और छंदों की गांठ मारी और किस्सों को पोटली में खोसा. मैंने इन स... आखिरकार मैंने, कुछ शब्दो को धरदबोचा, और छंदों की गांठ मारी और किस्सों को पोटली ...
कॉलेज का पहला दिन जल्दबाज़ी का । कॉलेज का पहला दिन जल्दबाज़ी का ।
मैं प्रेम लिखना भूलने लगा हूँ, किसी को चाहना भूलने लगा हूँ। मैं प्रेम लिखना भूलने लगा हूँ, किसी को चाहना भूलने लगा हूँ।
रात बहुत हो गई है ओर जिंदगी के एक अध्याय की समाप्ति होने वाली है। रात बहुत हो गई है ओर जिंदगी के एक अध्याय की समाप्ति होने वाली है।
कभी ना मिल पाए हम तो गम ना करना। कभी ना मिल पाए हम तो गम ना करना।
अपने ही लफ्जों से, एक बवाल लिख रहा हूँ , झूठे थे जो कसमें वादे,वो नासूर लिख रहा हूँ। अपने ही लफ्जों से, एक बवाल लिख रहा हूँ , झूठे थे जो कसमें वादे,वो नासूर लिख र...